कब्ज और बवासीर
गर्भावस्था में अगर आप अचानक हुई कब्ज से परेशान हैं तो घबराने की बात नहीं है। प्रेग्नेंसी में कब्ज की समस्या लगभग सभी महिलाओं को हो जाती है। आमतौर पर यह पहली तिमाही में ही शुरू हो जाती है। अगर ध्यान न दिया जाए तो इससे पाइल्स या बवासीर की बीमारी भी हो सकती है। इसे न संभाला जाए तो खूनी बवासीर हो जाती है जो प्रेग्नेंसी में एनीमिया या खून की कमी की वजह बनती है।
प्रेग्नेंसी हॉर्मोन प्रोजेस्टेरॉन पाचन तंत्र को गड़बड़ा देता है जिसका परिणाम कब्ज के रूप में सामने आता है। प्रेग्नेंसी के दौरान जी मिचलाने की वजह से अक्सर महिलाएं खाने से परहेज करने लगती हैं यह भी कब्ज को जन्म देता है। प्रेग्नेंसी के समय दी जाने वाली आयरन की गोलियां खून की कमी से तो बचाती हैं लेकिन इनका एक साइड इफेक्ट कब्ज के रूप में सामने आता है।डायबिटीज
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में खराब खानपान होने से जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है, जिसका असर बच्चे पर पड़ता है जिससे बच्चे में कुछ जन्मजात बीमारियां के होन की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में महीलाओं को चाहिए कि वह आसे समय में आलू, चावल, जंक फूड, मीठी चीजों का सेवन ना करें। और हर 3 महीने में OGTT (ओरल ग्लूकोस टोलरेंस टेस्ट) करवाएं।हाई ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन
प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होना आम बात है। खासकर 20वें हफ्ते की गर्भावस्था के बाद ऐसा होता है। असल में प्रेग्नेंसी में धीरे-धीरे महिला का वजन बढ़ता है और खून की मात्रा भी सामान्य से दोगुनी हो जाती है।
इसलिए इससे घबराना नहीं । लेकिन इस पर नियंत्रण पाना भी उतना ही जरूरी है क्योंकि HIGH BP होने से डिलिवरी में समस्या आ सकती है साथ ही मां और होने वाले शिशु के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है। आइए जानें कि किस तरह से घरेलू उपाय करके प्रेग्नेंसी में हाई बीपी की समस्या से निबटा जा सकता है।
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